प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना 2022-23 | PMAY plus app launch

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प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना क्या है

प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना का उद्देशय :- इसका उद्देश्य बेघरों और जर्जर घरों में रहने वालों को पक्के मकानों के निर्माण में सहायता के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। मैदानी इलाकों में रहने वाले लाभार्थी 1.2 लाख रुपये तक प्राप्त कर सकते हैं और पूर्वोत्तर, पहाड़ी क्षेत्रों, एकीकृत कार्य योजना (आईएपी) और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लाभार्थी इस आवास प्रयास के कारण 1.3 लाख रुपये तक का लाभ उठा सकते हैं। वर्तमान में, ग्रामीण विकास मंत्रालय से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में 1,03,01,107 मकानों को मंजूरी दी गई है।

PM आवास योजना 2022 मे बड़ा बदलाव, इस तारीख तक कर सकते है आवेदन,PM Awas Yojana New Update

आवास प्लस योजना : 2022 तक सबको छत देने का लक्ष्य रखा

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने आवास प्लस योजना लॉन्च कर दी है। इसके तहत वह लाभार्थी होंगे, जो प्रधानमंत्री आवास योजना और पहले आई योजनाओं में घर पाने से वंचित रह गए हैं। 30 मई तक 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से घरों के 3 करोड़ 53 लाख 75 हजार 446 आवेदन आए हैं। इनमें से 38 हजार को पहले चरण में आवास का लाभ देने के लिए चुना गया है। 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विभाग ने 2022 तक सबको छत देने का लक्ष्य रखा है। इससे पहले इंदिरा आवास योजना तथा पीएमएवाईजी के बावजूद बड़ी संख्या में लोग वंचित रह गए थे। इसलिए इन ऐसे लोगों के लिए राज्यों के साथ मिलकर हाउसिंग प्लस योजना शुरू की गई है।

इसके लिए उत्तर प्रदेश में 34,31,916 लोगों ने आवेदन किया है। पंजाब से 1,30,698, हिमाचल से 1,54,690, हरियाणा से  2,01,704, महाराष्ट्र से 57,55,095 और पश्चिम बंगाल से 57,91,017 आवेदन आए हैं।

Pradhan Mantri Awas plus Yojana 2022 Highlights

योजना का नामप्रधानमंत्री आवास योजना
इनके द्वारा शुरू की गयीपीएम नरेंद्र मोदी जी के द्वारा
लॉन्च की तारीक22 जून 2015
लाभार्थीदेश के गरीब लोग
उद्देश्यपक्का घर प्रदान करना
PMAY चरण 1 की अवधिअप्रैल 2015 से मार्च 2017 तक
PMAY चरण 2 अवधिअप्रैल 2017 से मार्च 2019 तक
पीएम आवास योजना चरण 3 की अवधिअप्रैल 2019 से मार्च 2022 तक
आवेदन प्रक्रियाऑनलाइन
ऑफिसियल वेबसाइटhttps://pmaymis.gov.in/

योजना के अंतर्गत किया जाएगा 2.02 लाख घरों का निर्माण

हाउसिंग एवं अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 2.02 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी प्रदान की गई है। इन आवासों का निर्माण आसाम, बिहार, झारखंड, केरला, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान एवं तमिलनाडु में किया जाएगा। यह निर्माण बेनेफिशरी लेड कंस्ट्रक्शन एवं अफॉर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप वर्टिकल्स के अंतर्गत किया जाएगा। यह निर्णय सेंट्रल सैंक्शनिंग एवं मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में लिया गया है। इस बैठक में योजना के लाभार्थियों को आने वाली समस्याओं के बारे में भी चर्चा की गई है। इसके अलावा इस योजना के कार्यान्वयन की भी समीक्षा की गई है।

अब तक इस योजना के अंतर्गत 115.4 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी प्रदान की जा चुकी है। जिसमें से 95 लाख घरों का निर्माण किया जा रहा है। 56.3 लाख घरों को लाभार्थियों को सौंप दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा 7.56 लाख करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है। जिससे केंद्र सरकार द्वारा 1.89 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।

60000 घरों के निर्माण को प्रदान की गई मंजूरी

हाउसिंग एवं अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री द्वारा 15 फरवरी 2022 को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 60000 घरों के निर्माण को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। इन घरों का निर्माण आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटका एवं राजस्थान में किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत अब तक 114.04 लाख घरों के निर्माण को मंजूरी प्रदान कर दी गई है। जिसमें से 93.25 लाख घरों का निर्माण किया जा रहा है एवं 54.78 लाख घरों का निर्माण पूर्ण हो चुका है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 7.52 लाख करोड़ रुपए का खर्च किया गया है जिसमें से 1.87 लाख करोड़ रुपया केंद्र सरकार द्वारा प्रदान किए गए हैं। केंद्र सरकार आवंटित राशि में से 1.21 लाख करोड़ रुपए जारी कर चुकी है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के कॉम्पोनेंट

  • इन सीटू स्लम रीडिवेलपमेंट- सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत स्लम बस्तियों का पुनर्विकास करने पर ध्यान दिया जाएगा। सभी पात्र स्लम वासियों के लिए बनाए गए घरों के लिए केंद्रीय सरकार द्वारा ₹100000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह आर्थिक सहायता इन सीटू स्लम रीडिवेलपमेंट कंपोनेंट के अंतर्गत प्रदान की जाएगी। स्लम का पुनर्विकास होने के पश्चात राज्य/ संघ राज्य क्षेत्र सरकारों द्वारा मलिन बस्तियों की अधिसूचना रद्द करने की सिफारिश भी की जाएगी। निजी स्वामित्व वाली भूमि पर मालिन बस्तियों के लिए कोई केंद्रीय सहायता नहीं प्रदान की जाएगी।
  • क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम- प्रधानमंत्री आवास योजना के इस कॉन्पोनेंट के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग समूह, माध्यम आय समूह, निम्न आय समूह आदि के नागरिकों को घरों का निर्माण एवं वृद्धि करने के लिए 6.5%, 4% एवं 3% की सब्सिडी की राशि ऋण पर प्रदान की जाएगी। जिसकी अधिकतम सीमा ₹600000, ₹900000 तथा ₹1200000 रुपए होगी। मंत्रालय द्वारा आवास शहरी विकास निगम, राष्ट्रीय आवास बैंक और भारतीय स्टेट बैंक को केंद्रीय नोडल एजेंसी के रूप में निर्मित किया गया है।
  • हाउसिंग इन पार्टनरशिप- हाउसिंग इन पार्टनरशिप के इस कंपोनेंट के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा ₹1.5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रति ईडब्ल्यूएस घर के लिए प्रदान की जाएगी। यह सहायता राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को तभी प्रदान की जाएगी जब परियोजना का न्यूनतम 35% हिस्सा इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन के लिए हो।
  • बेनेफिशरी लेड कंस्ट्रक्शन- योजना के इस घटक के अंतर्गत घर के निर्माण में वृद्धि के लिए केंद्र सरकार द्वारा ₹150000 प्रति घर के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। यह आर्थिक सहायता ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लाभार्थियों के लिए प्रदान की जाएगी। इस कॉम्पोनेंट का लाभ पात्रता की जांच करने के पश्चात ही प्रदान किया जाएगा। यह आर्थिक सहायता सीधे लाभार्थी के खाते में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से वितरित की जाएगी।

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आवास प्लस एप लाॅन्च, नाम जोड़ेंगे फिर मिलेगा आशियाना

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अब हितग्राहियों की पात्रता के लिए नाम जोड़ने का कार्य किया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने आवास + नाम से एप लाॅन्च किया है। जिसमें ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक या सचिव गांव में ही पात्रता होने पर हितग्राहियों के नाम जोड़े सकेंगे। इससे अब छूटे हुए पात्र हितग्राहियों को भी अपने सपनों का घर मिलेगा। मकान बनाने के लिए सरकार की ओर से हितग्राही को पैसे दिए जाएंगे।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से वंचित रहे पात्र परिवारों को अपना नाम जुड़वाने के लिए सरकार ने अब एक और मौका दिया है। सरकार ने पीएम आवास की स्थाई वरीयता सूची में अतिरिक्त पात्र परिवारों को शामिल करने के लिए ग्राम सभाएं होगी, जिसमें पात्र परिवारों के नाम जोड़ने का प्रस्ताव लेंगे। पात्र परिवारों के मौजूदा आवास व प्रस्तावित स्थल की जिओ टैग फोटो व अन्य जानकारी मोबाइल एप आवास एप पर अपलोड कर भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय को भेजनी होगी।

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